इतिहास का नक्षा अखंड भारत,क्या भविष्य का गजवा-ए-हिंद?
पहाड़ों, पठारों, मैदानों, नदियों और सागरों समेत 6 छोटे-मोटे देशों से घिरा अपना प्यारा देश भारत। यह उसकी तस्वीर नहीं बल्कि एक लोगो है, इदरीश खान के गंगा जमना स्कूल और कुछ अन्य व्यवसायों का। लोगो में एक श्वेत गोले के अंदर तीन देश है। आधे-अधूरे भारत-पाक और हरा-भरा बांग्लादेश। खैर, हरा-भरा तो सब है चाहे गंगा का मैदान हो या दक्षिण का पठार? बस साफ नहीं है लेकिन सरहद के पार, सिंध से लेकर बलूचिस्तान तक, मुल्तान, करांची, क्वेटा, ग्वादर सब साफ दिखाई दे रहा है। सबसे ऊपर हिमालय है। जहां से गंगा निकल रही हैं और जमना बनकर बंगाल की खाड़ी में गिर रही हैं। यही गंगा-जमुना नाम का आधार है। लोगो में किसी स्कूल या संस्था का नाम नहीं है। प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश के छोटे से जिले दमोह में चल रहे छोटे से स्कूल और अन्य व्यवसायों को चिन्हित करने के लिए इतनी बड़ी छाप की आवश्यकता थी क्या? यदि नहीं। तो फिर यह चित्र क्यों? इस चित्र में तीन देश क्यों? क्या यही है गजवा-ए-हिंद? बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर जानकारी दी और कहा कि "शैक्षणिक संस्थान के द्वारा हमारे संप्रभु राष्ट्र भारत के नक्शे के साथ इस प्रकार की छेड़खानी क़तई सहन नहीं की जाएगी।"
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